कंगना रनौत ने एलन मस्क के नवीन तकनीकी शोर पर अपनी राय दी, सतयुग के संदर्भ में भी की तुलना।

कंगना रनौत ने एलन मस्क के नवीन तकनीकी शोर पर अपनी राय दी, सतयुग के संदर्भ में भी की तुलना।

विचारक कंगना रनौत ने हाल ही में टेक्नोलॉजी और विज्ञान के दुनियाई उत्थान के बारे में एक रोचक रिएक्शन दिया है, जिसमें उन्होंने एलन मस्क के द्वारा बताई गई एक नई तकनीक पर टिप्पणी की है। इस नई तकनीक के बारे में मस्क ने दावा किया है कि इंसान अब अपने दिमाग का इस्तेमाल करके फोन और कंप्यूटर को चला सकते हैं और सोच सकते हैं। कंगना ने इस बयान पर अपनी राय दी और इसे सतयुग के समय की तकनीक से तुलना की है।

एलन मस्क की कंपनी ‘न्यूरालिंक कॉर्प’ ने हाल ही में मानव दिमाग में चिप लगाने का दावा किया है और उसे “टेलीपेथी” कहा गया है। कंपनी ने बताया कि इस नए तकनीक के चलते इंसान अब अपने दिमाग से ही फोन और कंप्यूटर को ऑपरेट कर सकेंगे। कंगना ने इस पर अपनी राय दी और कहा कि सतयुग में इस प्रकार की तकनीक का उपयोग देवता और ऋषि-मुनियों ने किया करते थे।

उन्होंने यह भी जोड़ते हुए कहा कि सतयुग का मुख्य रूप से इस तकनीक के बजाय बिना बोले कम्युनिकेट करने की क्षमता के कारण ही याद किया जाता है। उनके अनुसार, धरोहरों में लिखित ग्रंथों में दिखाए गए विभिन्न तकनीकी और अद्वितीय गुणों का उपयोग करने का उल्लेख इसे समर्थित करता है।

कंगना ने ट्वीट करते हुए कहा, “सतयुग को मुख्य रूप से इस तकनीक यानी बिना बोले कम्युनिकेट करने की क्षमता के कारण ही याद किया जाता है। अगर हम इसे अपने जीवनकाल में देखें तो देवता, ऋषि और कई अन्य प्राणी हमारे ग्रंथों में जिस तकनीक का उपयोग करते हैं, उसकी कल्पना करना असंभव नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि अब इस प्रकार की तकनीक का उपयोग करना दूर नहीं है और इसे समझने के लिए विश्वास बनाना होगा।